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       नैनो प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई देश का एक अग्रणी संस्थान है। हाल ही में नैनो प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान का अनुसंधान केंद्र निर्माण कर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई ने अपनी नैनो प्रौद्योगिकी अनुसंधान गतिविधियों को सबल बनाया है। इस केंद्र का निर्माण भारत सरकार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के उदारतापूर्ण अनुदान से संभव हो सका है।
       विभिन्न सरकारी एजेन्सियों और निजी उद्योगों की सहायता से 9 भिन्न-भिन्न विभागों/ विद्यालयों के 45 संकाय सदस्य, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई में एक साथ मिलकर नैनो प्रौद्योगिकी के व्यापक क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। इस अनुसंधान के परिणामतः विगत 5 वर्षों में उच्च कोटि के 400 से अधिक अभिपत्र अन्तरराष्ट्रीय पत्रिकाओं और सम्मेलन की कार्यवाहियों में प्रकाशित हुए हैं। नैनो प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में कुछ अनुसंधान गतिविधियाँ विश्व के श्रेष्ठतम संस्थानों के समान हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई अपने प्रयासों के कारण हाल ही में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ( डी एस टी) भारत सरकार से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई के परिसर में नैनोप्रौद्योगिकी एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र की स्थापना के लिए बड़ी राशि प्राप्त की है। इसके अलावा संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार ने देश के दो संस्थानों में से एक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई को नैनो इलेक्ट्रॉनिक्स उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना करने के लिए चयन किया है। इन केंद्रों की स्थापना में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। इन राष्ट्रीय केंद्रों में बनाई गई सुविधाएँ देश के सभी अनुसंधान कर्ताओं के लिए उपलब्ध है। नैनो प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश तथा विदेश के बहुत ही अग्रणी अनुसंधान संगठनों के साथ सहयोग के लिए पहले ही भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई ने समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।